पुणे से गोवा !
पुणे से गोवा है तो महज़ 450 किलोमीटर पर इस रास्ते को तय करने में मुझे लगभग 3 दिन लग गए!
पुणे में Goutam Dutta (मेरा फेसबुक का एक दोस्त ) के घर दो दिन सुकून से आराम करने के बाद, जब मैं पुणे से निकला तो सोचा था की पुणे और गोवा के बीच में कही एक दिन रुक कर गोवा की तरफ पोहोचेंगे, या फिर सीधा गोवा ही पहुँच जायेंगे, 450 KM की दुरी कुछ ज्यादा नहीं होती अगर आप नेशनल हाईवे पर मोटरसाइकिल दौड़ा रहे हैं.

पर मेरा इरादा #CoastalRoute से जाने का था जहा से महाराष्ट्र के समुंद्री तट पर बने गाँव और शेहरो के बीच में से जाना था, जैसा सोचा था उस रास्ते के बारे में वो उससे भी शानदार निकला, पुणे से निकल ही रहा था की पुणे में ट्रैफिक पुलिस वालो ने रोक लिया, और पूछने लगे कहा जा रहे हो, दिल्ली की गाडी यहाँ कैसे, कई सरे सवालो के जवाब देने के बाद अपनी यात्रा के बारे में बताने के बाद उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझे विदा किया, और फिर मैं अपने सफ़र पर आगे बढ़ गया.
अभी बंगलुरु हाईवे पर आने के बाद रास्ता एक दम शानदार था, चारो तरफ हरियाली और एक दम बढ़िया मौसम, मानसून में घुमने का मज़ा ही अलग है.
पर कोस्टल रूट के लिए मुझे रोड से अलग जाना पड़ा, और मैं महाभलेश्वर की तरफ घूम गया, और महाबलेश्वर भी किसी जन्नत से कम नहीं था, चारो तरफ हरियाली, जैसे की किसी ने कोई चित्रकारी कर दी हो हरे रंग से, और कोई भी जगह ऐसी नहीं दिखती थी जहा पर कुछ हरा न हो, हरियाली और झरनों के बीच जाती हुई सड़क और एक सड़क किनारे चाय और परलेG बिस्कुट, उस समय उससे बड़ा आनंद नहीं था कोई, और न चाहिए था.

आगे बढ़ा तो मैं #NationalHighway66 पर था, और कोस्टल रूट स्टेट हाईवे से है, तो मैंने नेशनल हाईवे त्याग कर स्टेट हाईवे पर बढ़ चला, सोचा तो था गोवा के नजदीक तक पोहोच जाऊंगा पर, अभी b गोवा 350 KM दूर था और शाम होने को थी, नज़ारे इतने शानदार थे की मैं बार बार रुक रहा था और अभी तो कोस्टल रूट स्टार्ट भी नहीं हुआ था, शाम होने को थी और मैं स्टेट हाईवे पर आगे बढ़ रहा था, रात को तो मोटरसाइकिल चलानी नहीं थी तो मैंने अपनी मोटरसाइकिल समुन्द्र की तरफ चलानी शुरू कर दी, इस उम्मीद में की कोई न कोई रहने की जगह मिल ही जाएगी समुन्द्र किनारे, आगे बढ़ते बढ़ते मैं पहुँच गया गुहागर बीच, शांत माहोल, और समुन्द्र की लहरें, मैंने पास ही एक होटल में चेक in किया, और 500 rs में बात पक्की हुई, होटल में सामान रखने के बाद मैं गया बीच पर और आराम से लहरों की आवाज़ का आनंद लेता रहा, रात हो चुकी थी और भूख भी लग रही थी, तो सोचा कुछ खाया जाये, पास में ही एक रेस्टोरेंट जैसा कुछ था, और मैंने वह पर थाली माँगा ली, रेस्टोरेंट कोंकणी ब्रामण लोगो का था, जहा पर सब बुज़ुर्ग लोग थे जैसे की रिटायरमेंट के बाद यहाँ अपनी सुकून से ज़िन्दगी जी रहे हैं, वेटर से लेकर, खाना बनाने वाले तक सब बुज़ुर्ग.
मुझे खाना परोसा गया मैंने तस्सली से भर पेट खाया 80rs में, उसके बाद मैंने उन्हें धन्यवाद कहा और अपने रूम में जाकर सो गया क्युकी अगले दिन बाकी का बचा हुआ रास्ता तय करना था,

मैप पर रोड देख रहा था, #Jaigadh जाने के लिए रास्ता तो दिखा रहा था रोड का पर कुछ रास्ता समुन्द्र के बीच में से था, मुझे लगा की कोई ब्रिज होगा जिसपर रोड बनी होगी, पर जब पंहुचा तो पता लगा कोई ब्रिज नहीं है, फेरी से आगे का रास्ता तय करना होगा.
वो फेरी वाला रास्ता भी स्टेट हाईवे में दिखा रहा था जिससे मुझे लगा था की यहाँ रोड होगी, पर फेरी से दूसरी तरफ जाकर फिर से रोड पर अपना सफ़र शुरू करना था, तो मैंने टिकेट लिया 55 rs में मेरा और मेरी मोटरसाइकिल दोनों का, फेरी से दूसरी तरफ पहुच कर मैंने फिर से रोड पर अपना सफ़र शुरू किया, महाराष्ट्र के छोटे छोटे गाँव से होते हुए मैं वह तक पंहुचा था, कोंकण महाराष्ट्र के लोग इतने मीठे है, अगर आपको तकलीफ में देखते हैं तो आपकी तुरंत मदद करते है!

मैं कोस्टल रूट पर आगे बढ़ रहा था, #Ratnagiri आने वाला था #GanpatuPule, #AareWaare, ये सब जगह देखने के बाद मैं आगे रत्ना गिरी की तरफ चला गया. ये पूरा रास्ता समुद्र के किनारे है और समुद्र और सड़क लगभग बराबर बराबर चलते है, इससे शानदार रास्ता आजतक मैंने नहीं देखा था, लहरों की आवाज़ के साथ साथ हलकी बारिश भी हो रही थी और मैं आगे बढ़ रहा था, रत्नागिरी एक बड़ा शेहेर है!
वहां से आगे बढ़ के मुझे गोवा पोहोचना था पर रात फिर से होने लगी थी क्युकी मैं इस बार भी रास्ते में कई बार रुका था, पहाड़ो के बीच सड़क और एक तरफ समुन्द्र ऐसे रास्ते पर जाने का पहला अनुभव यादगार होना चाहिए इसलिए मैंने पूरा समय लेते हुए अपना सफ़र तय किया, गोवा अभी लगभग 130 km दूर था, मैं #Pawas, #Kunkeshwar होते हुए!
मैंने मालवण में रुकने का फैसला किया, मालवण एक पोपुलर टूरिस्ट लोकेशन हैं महाराष्ट्र की, यहाँ पर स्कूबा डाइविंग वगेरा करवाई जाती है, पर गणपति महोत्सव की छुट्टियों के कारन पूरा मालवण बंद था, बड़ी मुश्किल से एक होटल ने रूम दिया, मैंने अपना सामान रखा और बाहर निकल गया, घुमने फिरने के लिए, एक दम शांत माहोल, न कोई भीड़, न कोई शोर, समुन्द्र किनारे एक इन्सान नहीं दिख रहा था, वह कुछ देर बैठा और थोड़ी देर बाद बारिश शुरू हो गयी, मैं एक छोटे से ढाबे पे गया और अपने लिए डिनर पैक करवा कर होटल चला गया, सुबह होते ही मैं फिर से बीच पर गया और थोडा समय बिताया, उसके बाद मैं वापस अपने होटल आया और सामान अपनी मोटरसाइकिल में बांध के आगे बढ़ गया…

पणजी करीब 140 km था पर मुझे सिर्फ #northgoa में रहना था, तो मैं मैंने #AshwemBeach के पास अपना रूम बुक कर लिया ऑफ सीजन के सबसे बड़े फयेदो में से एक ये है की आपको सब सस्ता मिलता है मुझे 650 rs में एक शानदार रूम मिल गया, मैं अब फिर से नेशनल हाईवे 66 पर था और गोवा का बॉर्डर यहाँ से 80 km था, पर मेरा एडवेंचर अभी ख़तम नहीं हुआ था, रास्ते में एक पेड़ गिरने की वजह से कई किलोमीटर लम्बा जाम लग चुका था पेड काफी बड़ा था, क्रेन और बुलडोज़र बुलाया गया, और उसको हटाने का काम शुरू हुआ, तभी मैंने एक पास के ढाबे में रुक के चाय का आनंद लिया और इंतज़ार किया, रोड क्लियर होते ही मैं गोवा की तरफ बढ़ गया और करीब 1.5 घंटे में गोवा की सीमा में था, उसके बाद मैंने अपना मोर्जिम बीच से आगे अश्वेम बीच के पास वाले होटल में चेक in किया और अपने सब कपडे और सामान को सुखाया!
आगे मुझे #Karnataka जाना था!
Watch The Video of my Pune to Goa Coastal Route Journey
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